भगवान बिरसा मुंडा का गाँव: भगवान बिरसा मुंडा को तो कोन नहीं जनता , लेकिन उनके जन्म स्थल उलीहातू गाँव तक कुछ लोग ही पहुँच पाते है क्योंकि उन्हें नहीं पता होता है की उलीहातू गाँव रांची शहर से कितना दूर है , वहां तक कैसे पंहुचा जाये ।
उलीहातू गाँव जिसे धरती आबा बिरसा मुंडा की पावन धरती से भी जाना जाता है, इसी स्थान पर उनका जन्म सन 1875 ई. में 15 नवम्बर को हुआ था । वे अंग्रेजों के खिलाफ अपनी लड़ाई इसी जगह से सुरु की थी और महज 25 की उम्र में ( सन 1900 ई. ) लड़ते -लड़ते देश के लिए अपनी बलिदान दे दी, और आज भी उनके घर के अन्दर उनकी समाधी बनी हुई है । अब इस जगह को झारखण्ड में एक पर्यटक स्थल के रूप में देखा जाता है और यहाँ पर हर साल हजारों लोग घुमने के लिए भी आते है इसके अलावा हर साल यहाँ बड़े-बड़े नेता 15 नवम्बर उनके जयंती पर यहाँ आते- जाते रहते है ।
उलीहातू कैसे पहुंचे ? How To Reach Ulihatu Birsa Munda Village In Hindi
उलीहातू गाँव रांची शहर से लगभग 67 किलोमीटर दूर है और खूंटी से 33 किलोमीटर । आप यहाँ तक खुद की गाड़ी से या तो रांची से टैक्सी या कैब बुक कर के पहुँच सकते है । खूंटी से तमाड़ जाने वाली सड़क ( NH 143AG ) में किताहतु गाँव से दायाँ की और जाने वाली रोड में किताहतु से 12 किलोमीटर अन्दर की ओर है उलीहातू गाँव ।
यहाँ पर आपको भगवान बिरसा मुंडा का घर, उनकी समाधी और तो और आप उनके पोते सुखराम मुंडा से भी मिल सकते है । गाँव के लोगों में शिक्षा की कमी होने के कारण हिंदी भाषा कुछ लोग ही समझ पते है । वहां के ज्यादातर लोग बोल- चाल के लिए मुंडारी भाषा का प्रयोग करते है ।
कहाँ ठहरें ?
यहाँ पर ठहरने के लिए कोई सुविधा नहीं है । आपको दिनभर घूमकर खूंटी या तो रांची लौटना होगा , यहाँ आपको होटल और लॉज दोनों ही उचित दामों में ठहरने के लिए मिल जाएगी । गाँव जंगलों और पहाड़ों के बिच में स्तिथ होने के कारण रास्ता में शाम में चलने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है , तो कोसिस करें की आप शाम होने से पहले शहर तक लौट जाएँ ।
उम्मीद है आपको उलीहातू गाँव पहुँचने से जुड़ी सारे सवालों का जवाब मिल गया होगा और इसके अलवा भी आपके मन कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट में पुच सकते है हम आपके सवालों का जवाब जरुर देंगे ।
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