“सुन्दरिडीह जलप्रपात” गुमला के गुप्त वॉटरफॉल खूबसूरती देख रह जायेंगे हैरान।

सुन्दरिडीह जलप्रपात गुमला: Sundridih Waterfall Gumla

sundridih waterfall in hindi: झारखंड राज्य के गुमला जिले से लगभग 45 कीलोमीटर और पालकोट से करीब 14 किलोमीटर दूर एक छोटे से गाव में स्थित है । चारों तरफ पहाड़ों व जंगलों से घिरा यह जलप्रपात आकर्सन का केंद्र बन रहा है । इस समय पर्यटकों के बिच काफी सुखियों में है यह जलप्रपात । बरसात के मौसम में इस जलप्रपात की सुन्दरता और भी बढ़ जाती है , जैसे ही लोगो के बिच यह जलप्रपात चर्चित में आया सैकड़ो के तादाद में लोग यहाँ पर एन्जॉय करने के लिए रोज आ रहे है । इस पोस्ट पर सुन्दरिडीह जलप्रपात आप किस तरह से पहुँच सकते है , रांची और गुमल जिला से इसका दुरी कितना है,सुन्दरिडीह जलप्रपात के अलावा और कहाँ-कहाँ घूमें इन सभी सवालों का जवाब को ।

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सुन्दरिडीह कैसे पहुंचे ? : How To Reach sundridih waterfall

sundridih waterfall गुमला जिले से लगभग 45km व पालकोट प्रखण्ड से करीब 14km दूर स्थित है । सुन्दरिडीह जलप्रपात पहुचमे के लिए आपको मन मोह लाने वाले रास्तों, खूबसूरत पहाड़ों और छोटे-छोटे गवों के बीच से होकेर गुजरना पड़ेगा ।

सुन्दरिडीह एक उभर्ता हुआ छोटा सा जलप्रपात है जिस कारण यह लोगों मे ज्यादा विख्यात नहीं है ,ग्रामीणों के अनुसार पहले सुन्दरिडीह पहुचमे  मे लोगों को काफी मुसकीलों का सामना करना पड़ता था , पर प्रधानमंत्री योजनाओ के तहत बुनियादी जरूरते जैसे सड़क ,बिजली और पानी जैसी जरूरते पुरू होने के बाद, यहा पर्यटन बढ़ गया  है जिससे ग्रामीणों को रोजगार का साधन भी प्राप्त हुआ ।

Sundridih waterfall
गोबर सिल्ली चट्टान

सुन्दरिडीह के अलावा पालकोट के अन्य पर्यटन स्थल :-

पालकोट प्रखंड में सुन्दरीडीह जलप्रपात  के अलावा घूमने के लिए ऋषीमुख पर्वत , सितलपुर , मलमलपुर,घोड़लता गुफा, बघलता गुफा  ,गोबरसिल्ली जैसे कई आकर्षक और मनमोहक पर्यटन स्थल हैं। पालकोट पर्यटन स्थल के साथ धार्मिक स्थलों के रूप मे भी प्रचलित है । रामायण काल मे वर्णित कई बाते है जो पालकोट से जुड़ी हुई है । माना जाता है की इसी गुफा मे राजा बाली के डर से सुग्रीव छुप कर रहते थे इसी कारण इस गुफा का नाम सुग्रीव गुफा पड़ा है । पालकोट के इस पावन भूमि पर sundridih waterfall जैसे कई पर्यटक स्थल और अन्य धार्मिक स्थल है जिन्हे विकाश की जरूरत है:-

रिशिमुख पहाड़: रिशिमुख पहाड़ जिसे पालकोट पहाड़ भी कहा जाता है को अपनी सुंदर परिदृश्यों के लिए जाना जाता है यह जगह ट्रेकिंग और हाइकिंग के लिए एक श्रेष्ठ स्थल है। इस पहाड़ की पूरी चढ़ाई लगभग 1.5 है ।

सीतलपुर: सीतलपुर एक गुफा है जो की रिशिमुख पर्वत पर प्राकृतिक रूप से बना हुआ है इसे शीतलपुर इस लिए कहा जाता है क्योंकि इस गुफा के अन्दर पर्कृतिक खिड़की से ठंडी और शीतल हवाएं हमेशा बहती रहती है ।
मलमलपुर: मलमलपुर भी एक प्रक्रितक गुफा है जो अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है।

घोड़लटा गुफाएँ: घोड़लटा गुफाएँ प्राकृतिक गुफाएँ हैं जिसे सुग्रीव गुफा के नाम से भी जाना जाता है ये भी रिशिमुख पर्वत पर स्तिथ है । इसके अन्दर एक जल कुंड भी है जिसे बाबा जलकुंड कहा जाता है जहाँ का पानी सदियों से आज तक कभी नहीं सुखा है । यह जगह खुदाई करने के रुचि रखने वालों के लिए एक एडवेंचर अनुभव प्रदान करती हैं।

बघलता गुफा (गुफा): बघलता गुफा एक गुफा है जिसे अनूठे चट्टानों के निर्माण के लिए जाना जाता है और यह एडवेंचर के दीवाने और उत्सवभावी लोगों के लिए एक प्रसिद्ध स्थल है।

गोबर सिल्ली: गोबर सिल्ली चारों तरफ से पहाड़ों और जंगलों से घिरा हुआ है यहाँ पर देखने के लिए अद्भुत चट्टान के उप्पर चट्टान प्राकृतिक सूप से खड़ा है जो की देखते ही बनता है । यह एक दिन के घुमने और पिकनिक के लिए एक शानदार स्थल है।

 

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