Tawang In Hindi: “तवांग” उगते सूरज की धरती अरुणाचल प्रदेश में स्तिथ जहाँ स्वर्ग और पृथ्वी मिलते हैं ।

Tawang In Hindi: “तवांग” उगते सूरज की धरती अरुणाचल प्रदेश में स्तिथ एक खुबसूरत सा हिल स्टेशन है । अरुणाचल प्रदेश जो की भारत का एक ऐसा राज्य है जहाँ पर भारतियों को भी एंट्री लेने के लिए परमिट (I L P ) की जरुरत होती है । इस लेख में हम आपको तवांग ट्रेवल गाइड की पूरी जानकारी देंग । आप किस तरह से तवांग पहुँच सकते है, तवांग में कहाँ ठहरना सबसे बेस्ट होगा, तवांग में घुमने की जगह साथ ही साथ एंट्री पास कैसे और कहाँ से बनाये ।

“तवांग” जो की समुद्र तल से लगभग 3,048 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ एक टूरिस्ट प्लेस है । चारो और से पर्वतों से घिरा
इस खुबसूरत स्थान पर एशिया महादेश का दूसरा सबसे बड़ा और भारत देश का सबसे बड़ा मठ मौजूद है । सदाबहार वनों की हरियाली में ढका अरुणाचल प्रदेश का सबसे खुबसूरत तवांग जिलें में आप एक अलग कल्चर को देख सकते है ।

तवांग में घुमने की जगह : Places To Visit In Tawang

वैसे तो तवांग में आप जहाँ तक नजरें दौड़ावगे , प्राकृतिक के खुबसूरत नज़ारे ही देखने को मिलेंगे लेकिन हम आपको
तवांग में देखने लायक कुछ खास और प्रसिद्ध जगहों के बारे में जानकरी दी है :-

सेला पास तवांग : Sela Pass Tawang In Hindi

Tawang In Hindi

तवांग के खुबसूरत रास्तों में तवांग पहुँचने से 75 किलोमीटर पहले सेला पास पड़ता है, और सेला पास के नजदीक है “सेला लेक” ।
कहते है सेला लेक के पास-पास ही करीब 101 झीलें मौजूद है, और इन सभी झीलों का बौध धर्म में अलग-अलग महत्व है ।
जब आप सर्दियों में सिला लेक का दौरा करेंगे तो आपको सिला झील के साथ-साथ आस-पास के ऊँचे पहाड़ें भी बर्फ से ढकी नजर आएंगे, जो की देखने में वाकई अद्भुत लगती है ।

तवांग मठ: Tawang Monastery In Hindi

Tawang In Hindi

भारत की पहली और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ा मठ है तवांग मठ । हम सबने कहीं न कहीं बौध धर्म को
टीवी या सिनेमा में देखा होगा लेकिन यहाँ पर आपको बौध धर्म को करीब से देखने का मौका मिलेगा । कहते है इस मठ
का निर्माण 17वीं शताब्दी में किया गया था । इस मठ में आकार आपको एक अलग ही शांति का अनुभव होने वाला है । आज भी इस मठ में 500 से अधिक लामा रहते है । इस जगह की एक खास बात ये है की यहाँ से आपको पुरे तवांग घाटी का नजारा देखने को मेलेगा ।

तक्त्संग गोम्पा तवांग: Taktsang Gompa Tawang In Hindi

Tawang In Hindi

तवांग से सिर्फ 45 किलोमीटर दूर तक्त्संग गोम्पा स्तिथ है । तवांग से तक्त्संग गोम्पा तक का सफ़र टेढ़े मेढ़े रास्तों और कई सारे रास्ते के किनारे लेक के व्यू के वजह से रोमांच से भरा होता है। इसी में से एक झील पेंगा तेंग त्सो झील काफी प्रसिद्ध है ।

नुरानांग वॉटरफॉल : Nuranang Waterfalls Tawang In Hindi

Nuranang Waterfalls Tawang

तवांग से लगभग 40 किलोमीटर पहले जंग नाम का एक छोटा सा गाँव है, जहाँ पर आपको देखने को मिलेगा ये खुबसूरत सा वॉटरफॉल । करीब 100 मीटर की ऊंचाई से गिरने वाले इस झरने को बोंग-बोंग वॉटरफॉल भी कहा जाता है । इस झरने को बहुत कम पर्यटक ही जानते है और यहाँ तक पहुँच पाते है । तो आप जब भी तवांग जाएँ एक बार इस झरने को देखने जरुर जायें और अगर आपको ट्रेकिंग के सौकीन है तो इसी वॉटरफॉल से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर है गौरीचैन पीक जहाँ पर आप ट्रेकिंग का आनंद ले सकते है ।

संगेत्सर लेक / माधुरी लेक तवांग: Sungester Lake / Madhuri Lake Tawang In Hindi

Madhuri Lake Tawang

तवांग से लगभग 42 किलोमीटर की दुरी पर है यह खुबसूरत और प्रिसद्ध लेक । इस लेक को माधुरी लेक इसलिए कहा जाता है क्योंकि हिंदी सिनेमा की प्रसिद्ध फिल्म कोयला का एक गाना का कुछ सिन इसी जगह पर फिल्माया गया था तब से ही इस लेक को माधुरी लेक के नाम से भी जाना जाने लगा । यहाँ पर कोई भी एंट्री फी नहीं लगता है क्योंकि पूरी लेक भारतीय जवानों की देख रेख में है । गर्मियों में इस लेक के चारो ओर रंग-बिरंगे फुल बिछ जाते है तो वही सर्दियों में यहाँ का नजारा पूरा सफ़ेद बर्फ से दूध की तरह लगता है । यह लेक प्राकृतिक रूप से एक भूकंप की वजह से बनी है । तो आप जब भी तवांग ट्रिप पर निकलें यहाँ जाना बिलकुल भी न भूलें ।

बुमला पास तवांग: Bumla Pass Tawang In Hindi

Bumla Pass Tawang

बुमला पास माधुरी लेक से लगभग 17 किलोमीटर की दुरी पर भारत-चीन बॉर्डर पर बना एक पास है । इस जगह पर आने के लिए
आपको आर्मी की एक और परमिट लेनी होती है । परमिसन के लिए आपको अपने टैक्सी ड्राईवर से बात कर के बनवाना होगा क्योंकि लोकल लोगो का यहाँ के सरकारी दफ्तरों से जान पहचान होती है तो जल्दी परमिट मिल जाती है और इससे आपका समय भी बच जायेगा । यहाँ पर आपको इंडियन आर्मी द्वारा बुमला पास के बारे में काफी कुछ सुनने को मिलेगा जो की आपके जीवन भर की यादें बन जाती है ।

जसवंतगढ़ वॉर मेमोरियल तवांग: Jaswantgarh War Memorial Tawang In Hindi

Jaswantgarh War Memorial Tawang

ये मेमोरियल 1962 के इंडिया-चाइना वॉर में शहीद होने वाले भारत के जवानों की याद में बनाया गया है । इस मेमोरियल
का नाम उस जंग के हीरो के नाम पर रखा गया है जिसने अपने साथियों के शहीद होने के बाद भी अकेले 300 चाइना के सैनिकों
को मार गिराया और भारत के इस चेक पोस्ट पर चाइना का कब्ज़ा नहीं होने दिया । तो जब भी आप तवांग आयें जसवंतगढ़ वॉर मेमोरियल में कुछ समय जरुर बिताएं और भारत के शहीद जवानों को श्रधांजली जरुर दें ।

तवांग कैसे पहुंचे ? How To Reach Tawang In Hindi

तवांग पहुँचने के लिए आपको सबसे पहले गुवाहाटी ( असम ) आना होता या तो तेजपुर तक आना होगा । गुवाहाटी को हम तवांग ट्रिप का बेस पॉइंट भी कह सकते है क्योंकि यह शहर भारत के कई छोटे-बड़े शहरों से सड़क ,रेल और हवाई यात्रा द्वारा जुड़ा हुआ है । तेजपुर में हवाई अड्डा मौजूद है लेकिन यहाँ के लिए कोलकाता और गुवाहाटी से ही फ्लाइट उपलब्ध है । तेजपुर से तवांग की दुरी 350 किलोमीटर है और ये दुरी आप या तो टैक्सी, बस या हेलिकॉप्टर से तय कर सकते है । अगर आप टैक्सी या बस द्वारा तवांग तक जाते है तो लगभग 12 से 13 घंटे का समय लगता है वहीँ हेलिकॉप्टर द्वारा आप तेजपुर से तवांग डेढ़ से ढाई घंटों में पहुँच जायेंगे ।

Budha Statue Tawang

तवांग में कहाँ ठहरें ? : Best Stay In Tawang In Hindi

तवांग में ठहरने के लिए आपको महंगे से महंगे होटल और होमस्टे मिल जायेंगे । आप अपने बजट के अनुसार अपना होटल
या होमस्टे का चुनाव कर सकते है । लेकिन कोसिस करें के तवांग में होमस्टे में ठहरने का इससे आपको वहां के कल्चर के बारे
में बहुत कुछ जानने को मिलेगा । यहाँ के लोग बहुत ही हेल्पिंग नेचर के होते है इसलिए होमस्टे का चुनाव आपके लिए
सायद होटल के मुकाबले ज्यादा बेहतर हो सकता है ।

तवांग घुमने का सही समय: Best Time To Visit Tawang

तवांग घुमने का सही समय सितम्बर से मार्च तक का है । इस समय यहाँ का मौसम काफी सुहावना होता है । जनवरी-फ़रवरी में आपको तवांग में स्नो फॉल भी देखने को मिल जांयेंगे जो लोग बर्फ का मज़ा लेना चाहते है वे इस समय तवांग ट्रिप का प्लान कर सकते है । बरसात के समय तवांग घुमने का प्लान बिलकुल भी न करें क्योंकि इस समय आपको घुमने में काफी दिक्कत और परेशानी हो सकती है ।

तवांग परमिट : Tawang Permit In Hindi

तवांग जाने के लिए सबसे पहले तो आपको अरुणाचल प्रदेश एंट्री का एक परमिट लेना होगा जिसका कीमत 100 रूपए एक
व्यक्ति का होता है जो की आपको 2 से 3 दिन में मिल जाता है लेकिन आपको जल्दी परमिट की जरुरत है तो आप 400 रूपए एक
व्यक्ति का दे कर 3 से 4 घंटो में अपना परमिट बनवा सकते है । ये परमिट आप अरुणाचल सरकार के परमिट ऑफिसियल वेबसाइट पर विजिट कर के बना सकते है । दूसरा परमिट तवांग के कुछ जगहों पर घुमने के लिए लगता है जो की आप तवांग पहुँच कर बनवा सकते है । जो की आपके टैक्सी ड्राईवर आपके लिए आसानी से बनवा देंगे ।

 

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