Aanjan dham Gumla: धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक माना जाता है की पवन पुत्र हनुमान का जन्म आंजन गांव मे स्थित एक गुफा मे हुआ था जिसे आज आंजनी गुफा के नाम से जाना जाता है । आंजन धाम गुमला जिला मुख्यालय से 21 किलोमीटेर व झारखंड की राजधानी रांची से करीब 109 किलोमीटेर के दूरी पर स्थित है । आंजन धाम का जिक्र रामायण काल मे भी हो चुका है जिसमे बताया जाता है की आंजन गांव के इन्ही गुफाओ मे माता आंजनी ने तपस्या कर के भगवान हनुमान को जन्म दिया था। आंजन धाम मे ही दुनिया के एक मात्र दुर्लभ मूर्ति स्थापित है जिसमे बाल हनुमान को माता आंजनी के गोद मे देखा जा सकता है।
पौराणिक कथाओ और स्थानिये पंडितों के अनुसार आंजन धाम मे 360 तालाब ,360 शिवलिंग ,और 360 महुआ के पेड़ मौजूद थे। जिनमे से वर्तमान कल मे लगभग 45 तालाब ,45 महुआ के पेड़ और 100 से आधिक खास तरह के शिवलिंग प्रमाणित रूप से मौजूद है । माना जाता है के ऋषि के श्राप से मुक्त होने के लिया माता अंजना प्रत्येक दिन एक तालाब मे स्नान ,एक महुआ के पेड़ का फूल और एक शिवलिंग की पूजा करती थे ,जिसके प्रमाण आंजन गांव मे आज भी मौजूद है ।
आंजन धाम पहुचने का मार्ग: How To Reach Aanjan dham Gumla
आंजन धाम गुमला जिले से लगभग 21 किलोमीटेर और लोहरदगा से 48 किलोमीटर दूर है । वहीँ राजधानी रांची से लगभग 109 किलोमीटेर की दूरी पर स्थित है । आप यहाँ पर सड़क मार्ग द्वारा पहुँच सकते है जो की काफी अच्छा है ।
आंजन धाम के प्रमुख धार्मिक स्थल: Places To See In Aanjan dham
आंजनी गुफा : झारखंड के गुमला जिले मे स्थित आंजनी गुफा मे ही भगवान हनुमान का जन्म हुआ था । आंजनी गुफा मे आज भी माता आंजनी का रॉइया मौजूद है जहा माता आंजनी बाल हनुमान के लिए भोजन बनती थे । माना जाता है की बाल हनुमान ने भूख लगने पर सूर्य को खाने के लिया एसी आंजना पर्वत से छलांग लगाया था ।
चक्रधारी: चक्रधारी एक प्राचीन व दुर्लभ शिवलिंग है, जो आंजन धाम मे बसा हुआ है। माना जाता है की ये शिवलिंग चक्र की तरह घूमते थे ,जो की प्रमाण के रूप मे आज भी आंजन गांव मे स्थित है ।
कुंदरी ओडा: मान्यताओ के अनुसार माता आंजनी प्रत्येक दिन आंजन धाम की पहाड़ियों से निकलकर कुंदरी ओडा के तालाबों मे स्नान करने जाती थी । कुंदरी ओडा मे एक विशाल गुफा भी मौजूद है ,जिसमे माता आंजनी स्नान के बाद वस्त्र बदलती थे । इस गुफा मे 200 से 300 व्ययक्तियों की स्थान मौजूद है ,जिसे श्रद्धालु आज भी देखने जाते है ।
चांद पहाड़ : चांद पहाड़ आंजन पहाड़ से उत्तर की दिसा मे मौजूद है । जहा पहुचमा का रास्ता काफी मुस्किल भरा है । एसी मान्यता है के इन्द्र के छल से क्रोधित हुए गौतम ऋषि ने अपनी पत्नी अहिल्या को श्राप देने के बाद क्रोध से चांद के ओर देखा और फिर अपने सरिस पर पहने मृगछाल के हिस्से को तोड़ कर चांद के ओर फेका ,जिससे चंद को चोट लागि जिसका दाग चांद पर आज भी है , चांद से टकराने के बाद मृगछाल का टुकड़ा इसी पहाड़ पर गिरा जिससे इस पहाड़ के स्कल कुछ चांद के तरह हो गयी ।
रामायण बगीचा: रामायण बगीचा आंजन धाम मे बसा एक बगीचा है जो रामायण काल से जुड़ा हुआ है । माना जाता है के इस बगीचा मे गुरुकुल हुआ करता था । जहा हनुमान और रामायण काल के लोग शिक्षा प्राप्त करते थे ।
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